Monday 20 July 2020

खुलता नहीं है हाल - Sad शायरी

खुलता नहीं है हाल किसी पर कहे बग़ैर,
पर दिल की जान लेते हैं दिलबर कहे बग़ैर।


आँखों के रास्ते मेरे दिल में उतर गये,
बंदा-नवाज़ आप तो हद से गुज़र गये।


बैठे हैं तेरे दर पे कुछ कर के उठेंगे,
या वस्ल ही हो जायेगा या मर के उठेंगे।

No comments:

Post a Comment