Sunday 26 July 2020

तो आँखें भीग जाती हैं - आँसू शायरी

समंदर में उतरता हूँ

तो आँखें भीग जाती हैं,

तेरी आँखों को पढ़ता हूँ

तो आँखें भीग जाती हैं,

तुम्हारा नाम लिखने की

इजाज़त छिन गई जबसे,

कोई भी लफ्ज़ लिखता हूँ

तो आँखें भीग जाती हैं।


Friday 24 July 2020

तमन्नाओ की महफ़िल - तकदीर शायरी

तमन्नाओ की महफ़िल तो हर कोई सजाता है,
पूरी उसकी होती है जो तकदीर लेकर आता है।


कभी जो मुझे हक मिला अपनी तकदीर लिखने का
कसम खुदा की तेरा नाम लिख कर कलम तोड दूंगा।

कुछ इस तरह बुनेंगे हम अपनी तकदीर के धागे,
कि अच्छे अच्छो को झुकना पड़ेगा हमारे आगे।


कितने मज़बूर है हम तकदीर के आगे...
ना तुम्हे पाने की औकात रखते हैं और
ना तुम्हे खोने का हौसला।


मेरे ही हाथों पे लिखी है तकदीर मेरी,
और मेरी ही तकदीर पर मेरा बस नहीं चलता।


Thursday 23 July 2020

एक मुस्कान - वादा शायरी

एक मुस्कान तू मुझे एक बार दे दे,

ख्वाब में ही सही एक दीदार दे दे,

बस एक बार कर दे तू आने का वादा,

फिर उम्र भर का चाहे इन्तजार दे दे।

 

क्यूँ वादा करके निभाना भूल जाते हैं,

लगा कर आग फिर वो बुझाना भूल जाते हैं,

ऐसी आदत हो गयी है अब तो सनम की,

रुलाते तो हैं मगर मनाना भूल जाते हैं।


जीने की ख्वाहिश में हर रोज़ मरते हैं,

वो आये आये हम इंतज़ार करते हैं,

झूठा ही सही मेरे यार का वादा है,

हम सच मान कर ऐतबार करते हैं।


Wednesday 22 July 2020

कोशिश हजार की - वक़्त शायरी

कोशिश हजार की कि इसे रोक लूँ मगर,

ठहरी हुई घड़ी में भी ठहरा नहीं ये वक्त।

 

उड़ जायेंगे तस्वीरों से रंगो की तरह हम,

वक़्त की टहनी पर हैं परिंदो की तरह हम।

 

वक़्त को भी हुआ है जरूर किसी से इश्क़,

जो वो बेचैन है इतना कि ठहरता ही नहीं।

 

वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर,

आदत इस की भी आदमी सी है।

 

यादें करवट बदल रही हैं

और मैं तनहा तनहा हूँ,

वक़्त भी जिससे रूठ गया है

मैं वो बेबस लम्हा हूँ।


कुछ वक्त बुरा है - वक़्त शायरी

ना तो तुम बुरे सनम,

ना ही हम बुरे हैं,

कुछ किस्मत बुरी है और

कुछ वक्त बुरा है।

 

लोग कहते हैं वक्त किसी का गुलाम नही होता,

फिर क्यूँ थम सा जाता है ग़मों के दौर में?

 

ज़िन्दगी ने मेरे दर्द का क्या खूब इलाज सुझाया,

वक्त को दवा बताया ख्वाहिशों से परहेज़ बताया।

 

हाथ छुटे भी तो रिश्ते नही छूटा करते,

वक्त की शाख से लम्हे नही टूटा करते।

 

कुछ इस तरह से सौदा किया मुझसे मेरे वक़्त ने,

तजुर्बे देकर वो मुझसे मेरी नादानीयाँ ले गया।

Monday 20 July 2020

खुलता नहीं है हाल - Sad शायरी

खुलता नहीं है हाल किसी पर कहे बग़ैर,
पर दिल की जान लेते हैं दिलबर कहे बग़ैर।


आँखों के रास्ते मेरे दिल में उतर गये,
बंदा-नवाज़ आप तो हद से गुज़र गये।


बैठे हैं तेरे दर पे कुछ कर के उठेंगे,
या वस्ल ही हो जायेगा या मर के उठेंगे।

पलकों पे - लव शायरी

पलकों पे लरजते अश्कों में,

तस्वीर झलकती है तेरी,

दीदार की प्यासी आँखों को,

अब प्यास नहीं और प्यास भी है।

  

मायूस तो हूँ तेरे वादे से,

कुछ आस नहीं कुछ आस भी है,

मैं अपने ख्यालों के सदके,

तू पास नहीं और पास भी है।